Monday, 11 December 2017

antriksh ke bare me rahsay

इंसान प्रकृति की दी हुई लगभग हर मुश्किल  चीज़ पर पार पा  चूका का है .हमने पर्वतों और समुद्र तक को मापा है और तो और हम धरती के लगभग हर कोने में  जा चुके हैं पर हम जब इस आसमान की तरफ देखते हैं तो हम पाते हैं कि हम इस अनंत ब्रम्हांड के सामने कुछ भी नहीं है तो आइए आज हम इस आर्टिकल में जानते हैं ब्रह्मांड के बारे में कुछ रहस्यमई और रोचक तथ्यों को  जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे
आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे यूनिवर्स से जुड़ी कुछ हैरत अंगेज बातें अंतरिक्ष की गंध भुने हुए मांस के जैसी है अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष करने के बाद धरती पर आने पर अंतरिक्ष की गंध को बताया है  किसी नहीं से भुने हुए मांस  किसी ने इसे गर्म धातु तो किसी ने इसकी गंध को  वेल्डिंग से निकलने वाले के जैसा बताया है.अंतरिक्ष में किसी तरह का कोई वातावरण नहीं है परवाह हम किसी भी तरह की गंध को कैसे महसूस कर सकते हैं अंतरिक्ष में हवा नहीं है लेकिन कई धातु और दूसरे तत्व मौजूद हैं यह सभी किसी अंतरिक्ष यात्री के सूट के संपर्क में आते हैं. तो एक गंध का निर्माण करते हैं नासा ने इस तरह की कृत्रिम गंध को बनाकर अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग में शामिल करना चाहा था पर किसी वजह से ऐसा नहीं हो पाया. लेकिन अंतरिक्ष में यह गंध आती कहां से है इसका सही-सही जवाब देना जरा कठिन है

ठंडा तारा

इतना ठंडा तारा जिसे आप छु सकते हैं. खगोलशास्त्रियों ने सौरमंडल से बाहर अंतरिक्षका सबसे ठंडा तारा खोज निकाला है इसे WD 0806-662 का नाम दिया गया है यहां का सबसे कम तापमान धरती के किसी खुशनुमा   शहर की तरह है लेकिन इसका द्रव्यमान बृहस्पति ग्रह से 6 से 9 गुना तक ज्यादा है ठंडे तारे की खोज करने वाले पेन स्टेट यूनिवर्सिटी प्रोफेसर  ने  बताया की यह तारा बहुत ही छोटा है जिसका वायुमंडल तापमान पृथ्वी के जैसा ही  ठंडा है इस तारीख की सतह का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस चाहिए 80 डिग्री सेल्सियस तक है इस तारे  का पता लगाने के लिए नासा Spritzer Space Telescope का इस्तेमाल किया है
जिससे इस तारे को 600 गुना ज्यादा स्कैन करके देखा गया. यह धरती पर मौजूद सबसे संवेदनशील टेलिस्कोप है भूरे रंग का यह तारा धरती से  630 लाख प्रकाश वर्ष दूर है. जो दूसरे तारों की तरह धूल और गैस के बादलों से बना है इस तारीफ पर धूल और गैस के बादलों  से पर्याप्त मात्रा में द्रव्यमान संचित  नहीं हो पाने की वजह से रोशनी और ऊर्जा पैदा करने वाली प्रतिक्रिया तेजी से नहीं हो पाती जिससे यह दूसरे तारों की तरह जल नहीं पाता.

ब्रह्मांड की सबसे बड़ी सरंचना

ब्रम्हांड की सबसे बड़ी सरंचना  जो फैली है  10 लाख प्रकाश वर्ष जितने इलाके में  Hercules-Corona Borealis Great Wall ब्रह्मांड की अब तक की खोजी गयी  सबसे विशाल सरंचना है यह कई आकाशगंगाओं से मिलकर बना एक समूह है जो की आकार में बड़ी चादर जैसा दिखाई देता है यह अद्भुत सरंचना 10 अरब प्रकाश वर्ष जितनी लंबी 7 अरब प्रकाश वर्ष जितनी चौड़ी और 1 प्रकाश वर्ष जीतनी मोटी है.
यह सरंचना  इस लिए ज्यादा रहस्यमई हो जाती है क्योंकि आधुनिक विज्ञान के हिसाब से इतनी बड़ी संरचना मौजूद हो ही नहीं सकती इसे 2013 में खोला गया था जब वैज्ञानिक अंतरिक्ष  में होने गामा किरणों के विस्फोट का अध्ययन कर रहे थे गामा किरणों का विस्फोट ब्रह्मांड में होने वाली हलचलों में सबसे ज्यादा चमकीला होता है  सूर्य अपने  10 अरब साल  के जीवन काल में  जीतनी उर्जा पैदा करता है गामा किरण के विस्फोट में उससे भी ज्यादा ऊर्जा कुछ ही सेकंड में पैदा होती है.जिसकी वजह से तारे  बड़ी संख्या में ब्लैक होल में समाहित हो जाते है. गामा किरणों के  विस्फोट बड़े ही दुर्लभ होते है. इनके होने का औसत लाखो सालों में एक बार के जितना  होता है और जो तारा  गामा किरण का विस्फोट करता है वह आकार में बहुत बड़ा होता है. इसलिए गामा किरण के विस्फोट में बहुत सारी सामग्री उपयोग में आती है इस तरह की 14 विस्फोट वैज्ञानिकों की नजर में आए  खोजकर्ताओं ने पाया की अंतरिक्ष के एक इलाके कई अलग अलग आकाशगंगा में ये विस्फोट होते हैं. जिनकी आपसी दुरी बहुत ही कम है.
इस आधार पर उन्होंने यह अंदाजा लगाया कई बड़ी आकाशगंगा और पदार्थों से भरा हुआ जिसका व्यास वैज्ञानिकों ने 10  अरब प्रकाश वर्ष दर्ज किया. यह विशाल सरंचना  विज्ञान के सभी नियमो को चुनोती दे रहा है महान विज्ञानिक Albert Einstein  ब्रह्मांड के सिद्धांत के हिसाब से कोई भी सरंचना 1.2 अरब प्रकाश वर्ष से से ज्यादा बड़ी नहीं हो सकती लेकिन यह इससे 8 गुना ज्यादा बड़ी है साथ ही  वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारे ब्रह्मांड को अस्तित्व में आए हुए 13.5 अरब साल ही हुए है.
लेकिन इतनी बड़ी  सरंचना बनाने के लिए यह समय बहुत कम है यानी अभी तक ऐसी सरंचना बननी ही नहीं चाहिए थी. जिन विज्ञानिकों ने  इसे खोजा यह कहना है कि यह सरंचना  हमारे लिए अभी तक ब्रह्मांड का सबसे बड़ा रहस्य है

अंतरिक्ष यात्रियों की पदचिह्न (Footprint)

चंद्रमा पर हमारे अंतरिक्ष यात्रियों की पदचिह्न अगले 10000 करोड़ वर्षों तक रहेगे. चंद्रमा पर बनाए गए हमारे अंतरिक्ष यात्रियों के पदचिह्न अगले 10 करोड़ सालों तक यूं ही बने रहने का अनुमान है यह समय इतना ज्यादा है कि शायद ही चंद्रमा खुद खत

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